Anju Modi to File Petition for Custody of Son Vyom After Supreme Court's Order

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर व्योम की कस्टडी के लिए अंजू मोदी ने खोला नया मोर्चा, कोर्ट में दायर करेंगी याचिका!

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Anju Modi to File Petition for Custody of Son Vyom After Supreme Court's Order

समस्तीपुर, 22 जनवरी: Anju Modi Seeks Custody of Son Vyom After Atul Subhash's Death: बेंगलुरु में आत्महत्या करने वाले AI इंजीनियर अतुल सुभाष के बेटे व्योम की कस्टडी को लेकर उनकी मां अंजू मोदी ने स्थानीय अदालत का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अंजू मोदी को निचली अदालत में याचिका दायर करने का निर्देश दिया है।

पिता-पुत्र का मिलन

अतुल की मौत के बाद उनके परिवार को उनके बेटे व्योम के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही थी, जिसके चलते अंजू मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में तीन मुख्य मांगें थीं— पहला, व्योम का पता लगाया जाए, दूसरा, उन्हें व्योम से बात करने का अवसर दिया जाए और तीसरा, व्योम की कस्टडी उन्हें दी जाए।

व्योम की जानकारी

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान यह जानकारी सामने आई कि व्योम फरीदाबाद के सत्ययुग दर्शन विद्यालय में पढ़ाई कर रहा है और वह स्कूल के हॉस्टल में रहता है। अदालत के आदेश पर व्योम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उसके परिवार से मिलवाया गया। इस दौरान अतुल के छोटे भाई विकास मोदी ने व्योम से बात की और उसका हाल-चाल जाना।

अंजू मोदी की कानूनी प्रक्रिया

व्योम की कस्टडी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अंजू मोदी को निचली अदालत में जाने को कहा है। अब अंजू मोदी अपने वकील से सलाह लेकर जल्द ही स्थानीय अदालत में याचिका दायर करेंगी। अतुल के पिता पवन मोदी ने इस फैसले पर खुशी जताई और कहा कि पूरा परिवार व्योम के बारे में बहुत चिंतित था और उनकी हालत जानकर अब राहत मिली है। उन्हें खुशी है कि व्योम सुरक्षित है।

अतुल की आत्महत्या और परिवार का दुःख

गौरतलब है कि अतुल सुभाष एक AI इंजीनियर थे, जो 9 दिसंबर को बेंगलुरु में आत्महत्या कर ली थी। इस घटना ने पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया था। अतुल के माता-पिता और उनके भाई विकास मोदी ने बेंगलुरु के मराठाहल्ली थाने में FIR भी दर्ज कराई थी। अब परिवार को उम्मीद है कि वे जल्द ही व्योम की कस्टडी प्राप्त करेंगे और उसे पालने-पोसने का अवसर मिलेगा। अब यह देखना होगा कि निचली अदालत इस मामले में क्या निर्णय देती है।